The Cherry Tree by Ruskin Bond
Wednesday, March 16, 2016
Friday, March 11, 2016
उम्मीद हूँ
Posted on 4:41 PM by harshita s
उम्मीद हूँ , अरमान हूँ, सतरंगी आसमान हूँ,
जुनूँ हूँ, सुकूँ हूँ, ख़ामोशी भरी दास्तां हूँ,
आँसू का एक कतरा हूँ, मुश्किलों से जूझने का जज़्बा हूँ,
सहारों की ज़रुरत नहीं मुझको, मै खुद ही अपना हौसला हूँ।
लिबासों के हज़ार रंग
जुनूँ हूँ, सुकूँ हूँ, ख़ामोशी भरी दास्तां हूँ,
आँसू का एक कतरा हूँ, मुश्किलों से जूझने का जज़्बा हूँ,
सहारों की ज़रुरत नहीं मुझको, मै खुद ही अपना हौसला हूँ।
लिबासों के हज़ार रंग
पहन लेती हूँ मौसम कान में झुमकी बनाकर जब, तो बादल आसमनों में भी अक्सर मुस्कुराता है।
सुबह जब धूप की पायल पहन कर घर से निकलूँ मैं, तो यूँ लगता है मेरे साथ लम्हा गुनगुनाता है।
सुबह जब धूप की पायल पहन कर घर से निकलूँ मैं, तो यूँ लगता है मेरे साथ लम्हा गुनगुनाता है।
लिबासों की तरह मेरे हज़ारों रंग है लेकिन, बदल जाना मेरी फितरत में शामिल नहीं है।
खुद अपना हौसला हूँ ज़िन्दगी में इसलिए शायद, मैं जो चाहूँ करुँ कुछ भी यहाँ मुश्किल नहीं है।
खुद अपना हौसला हूँ ज़िन्दगी में इसलिए शायद, मैं जो चाहूँ करुँ कुछ भी यहाँ मुश्किल नहीं है।
मगर जब भी मिटाओगे मैं वापस लौट आऊँगी, के जैसे पत्थर की आँख में एक फूल खिलता है।
मैं मनमानी हवा हूँ रास्तों से मुझको क्या लेना, जिधर चल दूँ उधर ही रास्ता हर बार मिलता है।
मैं मनमानी हवा हूँ रास्तों से मुझको क्या लेना, जिधर चल दूँ उधर ही रास्ता हर बार मिलता है।
नारी शक्ति को समर्पित
हर नारी मे है कुछ खास...।
हर नारी मे है कुछ खास...।
Not written by me.
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